Subscribe Us

टीम इंडिया के पूर्व कोच गायकवाड़ बोले- लार के इस्तेमाल पर बैन क्रिकेट को 50-60 साल पीछे ले जाएगा, 5 रन की पेनल्टी बहुत कम

आईसीसी ने कोरोना का जोखिम कम करने के लिएलार के इस्तेमाल पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। नए नियम के तहत फील्डिंग कर रही टीम अगर गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करती है तो उसे दो बारवॉर्निंग दी जाएगी। अगर इसके बाद भी ऐसा होता है तो फील्डिंग करने वाली टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगेगी।

हमारे सहयोगीदिव्य भास्कर ने इस मामले में भारतीय क्रिकेट के टीम के पूर्व हेड कोच अंशुमन गायकवाड़ से बातकी। गायकवाड़ ने बताया कि आईसीसी ने यह फैसला खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। हालांकि, इससे क्रिकेट जरूर 50-60 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 रन की पेनल्टी बहुत कम है।

हम 60 और 70 के दशक में लौट जाएंगे: गायकवाड़
गायकवाड़ बताते हैं कि सेफ्टी पहले और क्रिकेट बाद में है। आईसीसी ने जो फैसला लिया, वह सही है। ऐसा कहना कि इस वजह से बल्लेबाज को फायदा होगा, यह गलत है। जब हम खेलते थे, तब हमारे पास आज जैसी गेंद नहीं होती थी, जिस पर लार का इस्तेमाल करने से चमक आ जाए। 5-6 ओवर के बाद गेंद रफ हो जाती थी।

उसी बॉल से हम गेंदबाजी करते और विकेट लेते थे। उस समय बॉल पर चमक वापस लाने का सवाल ही नहीं था। विकेट लेने के और भी कई तरीके थे। नए बदलाव के बाद क्रिकेट में 60-70 का दशकलौट आएगा।

'बल्ले में भी स्प्रिंग लगाने दो’
वे कहते हैं कि गेंद चमकाने के लिए वैक्स या आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल से गेंदबाज को, तो ऐसा नहीं होने पर बल्लेबाज को फायदा होगा। यह बहस पूरी तरह गलत है। हमारे समय में भी क्रिकेट खेला जाता था। तब सिर्फ स्पिनरनहीं, तेज गेंदबाज भी विकेट लेते थे। आप अगरगेंदबाज को मदद कर रहें तो फिर बल्लेबाज को भी बल्ले में स्प्रिंग डालने की मंजूरी देनी चाहिए।

‘पसीने से भी गेंद रिवर्स होगी’
गायकवाड़ बताते हैं कि आप पसीने से भी रिवर्स स्विंग कर सकते हो। एक साइड पसीने का इस्तेमाल करो और दूसरी साइड रफ होने दो तो रिवर्स स्विंग मिलेगी। उन्होंने 1977-78 में पाकिस्तान टूर का किस्सा सुनाते हुए कहा कि उस दौरे पर हमनेपहली बार रिवर्स स्विंग देखा।

तब सरफराज नवाज ने इसकी शुरुआत की थी। तब गेंद आज जैसी नहीं होती थी। वह ड्रिंक्स ब्रेक के टाइम कोल्ड ड्रिंक की बोतल के ढक्कन से गेंद की एक साइड को इतना रफ करता कि लेदर कट जाता और दूसरी तरफ पसीना लगाता। हम हैरान थे कि आखिर कैसे 35-40 ओवर के बाद ही गेंद रिवर्स स्विंग हो रही है। हमें बाद में मालूम चला कि वह ऐसा करता था। आप पसीने से गेंद को रिवर्स कर सकते हो, इसमें कोई शक नहीं है।

‘इंग्लैंड-न्यूजीलैंड जैसे देशों में बॉलर को फायदा मिलता है’
टीम इंडिया के हेड कोच रहे गायकवाड़ बताते हैं कि इंग्लैंड-न्यूजीलैंड में इतनी आसानी से पसीना नहीं निकलता, लेकिन वहां की हवा और तापमान ऐसा है कि तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है।
2 बार चेतावनी देना ठीक है
गायकवाड़ के मुताबिक, नए नियमों के तहत गेंद पर लार लगाने पर अंपायर दो बार चेतावनी देंगे। यह बात सही है कि क्रिकेटरों की सालों पुरानी आदत एकदम दूर नहीं होगी। अब तो ग्राउंड पर थूकने पर भी बैन है। ऐसा कोई खिलाड़ी जानबूझकर नहीं करता बल्कि उसे आदत हो जाती है। इसलिए दो बार वॉर्निंग देना ठीक है।

5 रन की पेनल्टी बहुत कम है
वे कहते हैं कि बॉल पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने का कारण खिलाड़ियों की सुरक्षा है। आप गेंद पर एक बार लार का इस्तेमाल करो या कई बार। इससे फर्क नहीं पड़ता।जिस वजह से यह नियम लागू किया गया, वह पूरा होना जरूरी है। 5 रन की पेनल्टी से समस्या का हल नहीं होता। जब तक बॉलर खुद यह नहीं समझे कि मुझे मुंह को हाथ से नहीं छूना है, तब तक यह सुधार नहीं होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच अंशुमन गायकवाड़ के मुताबिक, लार के इस्तेमाल पर दो वॉर्निंग ठीक है। लेकिन इसका भी सख्ती से पालन कराना होगा, नहीं तो जिस उद्देश्य से नियम बनाया गया है वह पूरा नहीं होगा।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Yrxvzq
https://ift.tt/2ASpifD

Post a Comment

0 Comments