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अनलिमिटेड कोरोना सब्स्टिट्यूट मिलेंगे, बॉल चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा, लेकिन 2 वजहों से इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा

कोरोना के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 19 सिंतबर से 10 नवंबर तक यूएई में होना है। यह टूर्नामेंट पहली बार बिना दर्शकों के बायो-सिक्योर माहौल में खेला जाएगा। कोरोना की वजह से एक बड़ा बदलाव यह है कि बॉल को चमकाने के लिए बॉलर्स लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि, इस एक नियम का दो वजहों से ज्यादा असर नहीं पड़ेगा...

1. व्हाइट बॉल दो ओवर तक ही स्विंग करती है

अगर बॉल पर लार नहीं लगाते हैं तो बॉलर्स को स्विंग कराने में दिक्कत होती है। हालांकि, टी-20 जैसे फॉर्मेट में यह चुनौती नहीं है। चेन्नई सुपरकिंग्स के तेज गेंदबाज दीपक चाहर भी यही बताते हैं।

उन्होंने हाल ही में कहा था कि व्हाइट बॉल सिर्फ 2 ओवर तक स्विंग होती है। अच्छा विकेट हो तो 3 ओवर तक स्विंग होगी। इस वजह से बॉल की चमक बनाए रखने की ज्यादा जरूरत नहीं है। हैदराबाद के बॉलर भुवनेश्वर कुमार भी कहते हैं कि लार का इस्तेमाल नहीं होने से सिर्फ रिवर्स स्विंग में दिक्कत आएगी।

2. यूएई का स्लो विकेट

यूएई में अबु धाबी, दुबई और शारजाह में आईपीएल के मैच होंगे। यहां स्लो विकेट है। यानी स्पिनर्स के लिए ये फायदेमंद है और स्विंग कराने वाले तेज गेंदबाजों को यहां ज्यादा मदद नहीं मिलने वाली। इस वजह से बॉल पर लार नहीं लगा पाने के नियम का असर नहीं पड़ेगा। 2014 में जब यूएई में आईपीएल के 20 मैच हुए थे, तो सिर्फ एक मैच में दोनों इनिंग में 200+ का स्कोर बना था, जबकि 12 बार 160+ का स्कोर रहा था।

आईपीएल में इस बार बाकी बदलाव क्या होंगे?

नो बॉल पर डायरेक्ट थर्ड अंपायर की नजर

पहली बार आईपीएल में थर्ड अंपायर नो बॉल का रूल लाया जा रहा है। अब मैच में बॉलर के पैर की नो बॉल फील्ड अंपायर की जगह थर्ड अंपायर देखेगा। पिछले साल भारत-वेस्टइंडीज वनडे सीरीज में भी इसका ट्रायल हुआ था।

अनलिमिटेड कोरोना सब्स्टिट्यूट

आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने इस सीजन में अनलिमिटेड कोरोना सब्स्टिट्यूट की भी मंजूरी दी। यानी टूर्नामेंट में कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव निकलता है, तो टीम उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी टीम में शामिल कर सकेंगी। नियम के मुताबिक, बैट्समैन को बैट्समैन और बॉलर को सिर्फ बॉलर ही रिप्लेस कर सकता है।

कन्कशन सब्स्टिट्यूट नियम भी लागू

इस आईपीएल सीजन में पहली बार कन्कशन सब्स्टिट्यूट नियम भी लागू रहेगा। यानी कोई खिलाड़ी गंभीर चोटिल होता है या सिर में बॉल लगती है, तो उसकी जगह दूसरे प्लेयर को टीम में सब्स्टिट्यूट के तौर पर शामिल किया जा सकता है। इस नियम में भी बैट्समैन को बैट्समैन और बॉलर को सिर्फ बॉलर ही रिप्लेस कर सकता है। यह नियम सबसे पहले 2018 एशेज सीरीज में लागू हुआ था।

चीयरलीडर्स और फैंस स्टेडियम में नहीं होंगे

आईपीएल के इतिहास में पहली बार कोरोना के कारण खाली स्टेडियम में मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम में फैंस और जश्न मानने के लिए चीयरलीडर्स भी नहीं होंगी। हालांकि, फ्रेंचाइजियों ने मेगा स्क्रीन पर चीयरलीडर्स और फैंस के रिकॉर्डेड वीडियो चलाने की तैयारी की है।

बायो-सिक्योर माहौल क्या है?

ये एक ऐसा एन्वायर्नमेंट है, जिसमें रहने वाला बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाता है। यानी, आईपीएल में हिस्सा ले रहे प्लेयर, सपोर्ट स्टाफ, मैच ऑफिशियल, होटल स्टाफ और कोरोना टेस्ट करने वाली मेडिकल टीम तक को तय दायरे के आगे जाने की अनुमति नहीं है। किसी बाहरी व्यक्ति से भी नहीं मिल सकते।

आईपीएल में बायो-सिक्योर माहौल तोड़ने पर सजा

बायो-सिक्योर नियम तोड़ने वाले को आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत सजा दी जाएगी। खिलाड़ी को कुछ मैच खेलने से रोका भी जा सकता है। आरसीबी समेत कुछ टीमों ने पहले से चेतावनी दे रखी है कि यदि किसी खिलाड़ी ने नियम तोड़ा तो उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट तोड़ा जा सकता है।

खिलाड़ी मैच में बॉल पर लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे

आईसीसी ने कोरोना के कारण क्रिकेट में बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। यह नियम पहली बार आईपीएल में लागू होगा। हर टीम को दो बार चेतावनी दी जाएगी। तीसरी बार में पेनाल्टी के तौर पर विपक्षी टीम के खाते में 5 रन जोड़ दिए जाएंगे। कोरोना के कारण टॉस के बाद दोनों टीमों के कप्तान हाथ नहीं मिला सकेंगे।



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